ठंडक देने वाला एसी कब बन जाता है जानलेवा?

गर्मी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है...एसी ठीक करवा लेते हैं. गैस...कॉइलिंग चेक करवा लेते हैं, अब ज़रूरत महसूस होने लगी है...


शायद कुछ ऐसा ही सोचकर गुरुग्राम के सेक्टर-92 के सेरा हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले वासु ने एसी रिपेयर करने के लिए उन दो लोगों को बुलाया होगा.


वो दो लोग अब इस दुनिया में नहीं रहे, उनकी मौत हो चुकी है.


यह मामला गुरुग्राम के सेक्टर 10ए के पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया गया है.


सेक्टर 10ए के पुलिस स्टेशन के एसएचओ संजय यादव बताते हैं कि गैस भरने के दौरान एसी का कंप्रेसर ब्लास्ट कर गया और उनकी मौत हो गई. जिस घर में वो एसी ठीक करने आए थे उस घर के मालिक वासु को भी गहरी चोटें आई हैं और वो अस्पताल में भर्ती हैं.


पुलिस मामले की जांच कर रही है, दोनों मृतकों के शवों का पोस्टमॉर्टम हो गया है, उनके शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं और जिस ऐप कंपनी से ये दोनों मृतक आए थे उस कंपनी के सीईओ समेत दो अन्य लोगों पर आईपीसी की धारा 304, 337 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है.


कुछ मीडिया में जो ख़बरें आई हैं उनमें कहा गया है कि काम करने आए ये दोनों ही लोग अनुभवी नहीं थे और ये हादसा इसी वजह से हुआ. हालांकि कंपनी ने अपनी ओर से ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया है, पर ये ज़रूर कहा है कि वो मृतकों के परिवार के साथ पूरी संवेदना रखते हैं.


लेकिन क्या इस दुर्घटना को होने से रोका जा सकता था?



 


सेंटर फ़ॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) में प्रोग्राम मैनेजर अविकल सोमवंशी ने बीबीसी हिंदी से इस बारे में बात की.


अविकल कहते हैं, "ख़तरा तो हर चीज़ में बना रहता है लेकिन ये ज़रूर है कि अगर सावधानी बरती जाती तो शायद ऐसा नहीं होता."


अविकल कहते हैं सबसे पहले तो ये समझना ज़रूरी है कि कंप्रेसर ख़राब क्यों होते हैं क्योंकि अगर अच्छी कंपनी का एसी ख़रीदा गया है तो उसे चार-पांच साल तक रिपेयर कराने की ज़रूरत नहीं पड़ती, लेकिन यह बहुत हद तक इस बात पर भी निर्भर करता है कि कंप्रेसर लगा कहां है.


"अगर कंप्रेसर ऐसी जगह जगह लगा है जहां ज़हरीली गैसें ज़्यादा हैं तो कंप्रेसर जल्दी ख़राब हो जाएगा. ऐसे में कंप्रेसर की दिशा का हमेशा ध्यान रखना चाहिए."


लेकिन अगर आप एसी रिपेयर करवा रहे हैं तो कुछ बातों को ज़हन में रखना बेहद ज़रूरी है...


जब भी मैकेनिक को बुलाएं, उसकी परख ज़रूर करें. अकुशल मैकेनिक से काम कराने से बचें. जब वो आए तो उससे सारी जानकारी लें, उसका अनुभव जांच लें और ये भी तय कर लें कि उसने जहां से प्रशिक्षण लिया है वो मान्यता प्राप्त संस्थान हो.


- मैकेनिक के पास सारे संसाधन हों, ये सुनिश्चित करना बहुत ज़रूरी है. सुरक्षा के लिहाज़ से और काम करने के लिहाज से.


- जहां पर भी एसी के रिपेयरिंग और गैस-फिलिंग का काम हो रहा हो वो जगह बंद कमरा न हो. खुली जगह पर ही ये कम करना सुरक्षित रहेगा.


- जिस समय एसी रिपयरिंग का काम हो रहा हो उस समय बहुत अधिक भीड़ न करें. ख़ासतौर पर बच्चों को तो दूर ही रखें.


एक ओर जहां एसी रिपेयरिंग के दौरान कुछ सावधानियां रखना बहुत ज़रूरी है, वहीं ख़रीदते वक़्त भी कुछ बातें ध्यान में रहनी चाहिए.


- अगर बहुत ज़रूरी न हो तो विंडो एसी को ही प्राथमिकता दें क्योंकि विंडो एसी की देखरेख, स्प्लिट की तुलना में आसान होती है.


- जब भी एसी ख़रीदें तो किसी मानक कंपनी से ही खरीदें ताकि एसी जब भी ख़राब हो कंपनी से संपर्क किया जा सके. मानक कंपनियां वॉरंटी भी देती हैं जिससे अच्छी सर्विसिंग की गारंटी हो जाती है.


- एसी में जो गैस भरी जाती है उसकी क्वालिटी भी कंपनी-कंपनी पर निर्भर करती है, तो पर्याप्त जांच-पड़ताल के बाद ही एसी खरीदें.



सेंटर फ़ॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) में प्रोग्राम मैनेजर अविकल सोमवंशी ने बीबीसी हिंदी से इस बारे में बात की.


अविकल कहते हैं, "ख़तरा तो हर चीज़ में बना रहता है लेकिन ये ज़रूर है कि अगर सावधानी बरती जाती तो शायद ऐसा नहीं होता."


अविकल कहते हैं सबसे पहले तो ये समझना ज़रूरी है कि कंप्रेसर ख़राब क्यों होते हैं क्योंकि अगर अच्छी कंपनी का एसी ख़रीदा गया है तो उसे चार-पांच साल तक रिपेयर कराने की ज़रूरत नहीं पड़ती, लेकिन यह बहुत हद तक इस बात पर भी निर्भर करता है कि कंप्रेसर लगा कहां है.


"अगर कंप्रेसर ऐसी जगह जगह लगा है जहां ज़हरीली गैसें ज़्यादा हैं तो कंप्रेसर जल्दी ख़राब हो जाएगा. ऐसे में कंप्रेसर की दिशा का हमेशा ध्यान रखना चाहिए."


लेकिन अगर आप एसी रिपेयर करवा रहे हैं तो कुछ बातों को ज़हन में रखना बेहद ज़रूरी है...


जब भी मैकेनिक को बुलाएं, उसकी परख ज़रूर करें. अकुशल मैकेनिक से काम कराने से बचें. जब वो आए तो उससे सारी जानकारी लें, उसका अनुभव जांच लें और ये भी तय कर लें कि उसने जहां से प्रशिक्षण लिया है वो मान्यता प्राप्त संस्थान हो.


- मैकेनिक के पास सारे संसाधन हों, ये सुनिश्चित करना बहुत ज़रूरी है. सुरक्षा के लिहाज़ से और काम करने के लिहाज से.


- जहां पर भी एसी के रिपेयरिंग और गैस-फिलिंग का काम हो रहा हो वो जगह बंद कमरा न हो. खुली जगह पर ही ये कम करना सुरक्षित रहेगा.


- जिस समय एसी रिपयरिंग का काम हो रहा हो उस समय बहुत अधिक भीड़ न करें. ख़ासतौर पर बच्चों को तो दूर ही रखें.


एक ओर जहां एसी रिपेयरिंग के दौरान कुछ सावधानियां रखना बहुत ज़रूरी है, वहीं ख़रीदते वक़्त भी कुछ बातें ध्यान में रहनी चाहिए.


- अगर बहुत ज़रूरी न हो तो विंडो एसी को ही प्राथमिकता दें क्योंकि विंडो एसी की देखरेख, स्प्लिट की तुलना में आसान होती है.


- जब भी एसी ख़रीदें तो किसी मानक कंपनी से ही खरीदें ताकि एसी जब भी ख़राब हो कंपनी से संपर्क किया जा सके. मानक कंपनियां वॉरंटी भी देती हैं जिससे अच्छी सर्विसिंग की गारंटी हो जाती है.


- एसी में जो गैस भरी जाती है उसकी क्वालिटी भी कंपनी-कंपनी पर निर्भर करती है, तो पर्याप्त जांच-पड़ताल के बाद ही एसी खरीदें.


घर में AC लगा है तो इन बातों का रखें ख़याल


हर सीज़न में सर्विस करवाएं


दिन में एक बार कमरे की खिड़कियां-दरवाज़े खोल दें


सर्विस किसी भरोसेमंद, सर्टिफ़ाइड मैकेनिक से करवाएं


गैस की क्वालिटी का ध्यान रखें


ग़लत गैस डालने से भी दिक्क़त होती है


सारे वक़्त कमरे, खिड़कियों को बंद न रखें ताकि प्रदूषित हवा निकल सके


एसी का तापमान कितना रखें?


पलंग या सोफ़े पर बैठकर टीवी देखते हुए अक्सर आप एसी का रिमोट उठाकर तापमान 16 या 18 तक ले आते हैं.


CSE की मानें तो ऐसा करना आपकी सेहत पर असर डाल सकता है.


घरों या दफ़्तरों में एसी का तापमान 25-26 डिग्री सेल्सियस ही रखना चाहिए. दिन के मुकाबले रात में तापमान कम रखा जा सकता है. ऐसा करने से सेहत भी ठीक रहेगी और बिजली का बिल भी कम आएगा.


लेकिन अगर आप एसी का तापमान इससे कम रखेंगे तो एलर्जी या सिरदर्द शुरू हो सकता है. बुजुर्गों और बच्चों की इम्युनिटी सिस्टम कमज़ोर होता है, ऐसे में एसी का तापमान सेट करते वक़्त इसका ख़याल रखना होगा.


पर सवाल ये भी है कि एसी कितने घंटे चलाना चाहिए?


इसके जवाब में CSE के प्रोग्राम मैनेजर कहते हैं, ''अगर आपके घर अच्छे से बने हैं, बाहर की गर्मी अंदर नहीं आ रही है तो आप एक बार एसी चालू करके कमरा ठंडा होने पर बंद कर सकते हैं. एक बात कही जाती है कि अगर आप 24 घंटे एसी में रहेंगे तो आपकी इम्युनिटी कम हो सकती है. आपका कमरा अगर पूरी तरह बंद है तो एक वक्त के बाद उसमें ऑक्सीजन की कमी हो जाएगी. ये ज़रूरी है कि कहीं न कहीं से ताज़ा हवा अंदर आए.''


पर्यावरण विशेषज्ञ इस बात पर ज़ोर देते हैं कि भारत जैसी जलवायु वाले देश में में एसी का तापमान 26 डिग्री सेल्सियल रखा जाना चाहिए.